कैश-ओनली वीकेंड से अपने खर्च को कैसे रीसेट करें

Author Maya & Tom

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जब हमारा खर्च धीरे‑धीरे बढ़ने लगता है, तो हमें हर बार एक नया बजट नहीं चाहिए होता। ज़्यादातर बार हमें बस एक साफ‑साफ रीसेट चाहिए होता है।

यही एक कैश‑ओनली वीकेंड है: एक छोटा, इरादतन ब्रेक जो हर खरीदारी को और दिखाई देने वाला बना देता है, ताकि आप देख सकें कि असल में क्या मायने रखता है — और क्या आप खुशी‑खुशी छोड़ सकते हैं।

इस गाइड में, हम आपको एक प्रैक्टिकल वीकेंड प्लेबुक से गुज़ारेंगे जिसे आप एक टीम की तरह चला सकते हैं: साफ नियम, कैश लिमिट, बातचीत के प्रॉम्प्ट, और इसे निष्पक्ष रखने के तरीके, अगर आपकी आय या आदतें अलग‑अलग हैं।

हम माया और टॉम (हैम्बर्ग से) के तौर पर लिख रहे हैं, लेकिन नियम ऐसे बनाए गए हैं कि आप उन्हें कॉपी‑पेस्ट करके अपनी ज़िंदगी के हिसाब से आसानी से बदल सकें।


कैश-ओनली वीकेंड काम क्यों करता है

कैश‑ओनली वीकेंड, नो‑स्पेंड चैलेंज का एक फोकस्ड वर्ज़न है। पूरे महीने का सारा खर्च बंद करने की कसम खाने के बजाय, आप:

  • शुक्रवार से पहले एक तय रकम कैश निकालते हैं।
  • वीकेंड के गैर‑ज़रूरी खर्च के लिए सिर्फ वही कैश इस्तेमाल करते हैं।
  • कार्ड और मोबाइल वॉलेट को पूरी तरह साइड में रख देते हैं।

हाल की रिसर्च भी यही दिशा दिखाती है:

  • 71 स्टडीज़ की एक मेटा‑एनालिसिस में पाया गया कि लोग कैश की तुलना में कैशलेस पेमेंट से ज़्यादा खर्च करने की प्रवृत्ति रखते हैं, खासकर स्टेटस वाली खरीद पर, क्योंकि कार्ड टैप करना उतना “सच” नहीं लगता जितना नोट सौंपना। फिज़िकल कैश गिनना और उसे छोड़ना “पे करने का दर्द” बढ़ा देता है, जो अचानक की खरीद को ब्रेक करता है और खर्च को ज़्यादा सोचा‑समझा बनाता है।
  • सर्वे‑आधारित काम दिखाता है कि लोग कार्ड से कैश की तुलना में इम्पल्स खरीद ज़्यादा करते हैं, और बहुत से लोग बड़ी खरीद करते समय भी कम असहज महसूस करते हैं, जब वे सिर्फ स्वाइप या टैप कर रहे होते हैं, न कि बटुए से पैसा निकलता देख रहे होते हैं।
  • इस रिसर्च की पॉपुलर कवरेज सुझाती है कि कार्ड की तुलना में कैश से पे करने पर लगभग पाँचवें हिस्से तक ज़्यादा साइकोलॉजिकल “आउच” महसूस हो सकती है, जो आपको खरीदने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर करती है।

अब एक्सपर्ट स्पष्ट रूप से सलाह देते हैं कि खासकर डिस्क्रेशनरी कैटेगरी — जैसे कॉफी, टेकआउट, एंटरटेनमेंट, और अचानक की शॉपिंग — के लिए आत्म‑नियंत्रण टूल के रूप में कैश साथ रखना और इस्तेमाल करना मददगार है।

सोशल मीडिया पर Gen Z ने इसे एक वीकेंड रитуअल बना दिया है: शुक्रवार को अपना “फ़न मनी” निकालिए, उसे वॉलेट या एनवेलप में रखिए, और जैसे ही वो खत्म, खेल खत्म। न कोई अतिरिक्त टैप, न “बस एक ब्रंच और सही है।”

कैश‑ओनली वीकेंड सख्त नो‑स्पेंड वीकेंड और रोज़मर्रा की ज़िंदगी के बीच अच्छी तरह बैठता है। आप अब भी ज़रूरी चीज़ें (किराया, ग्रॉसरी, दवाइयाँ, ट्रांसपोर्ट) कवर करते हैं और फ़ोकस रखते हैं उन डिस्क्रेशनरी चॉइस पर जो अक्सर चुपचाप बढ़ती रहती हैं।


स्टेप 1: अपने वीकेंड नियम एक ही बैठकर तय करें

वीकेंड शुरू होने से पहले एक बार साथ बैठकर नियम सेट करें। जब आपकी ज़िंदगी में कुछ बड़ा बदल जाए, तब आप इन्हें ज़रूर दुबारा देख सकते हैं — हर रविवार रात नहीं।

इसे एक छोटे स्क्रिप्ट की तरह इस्तेमाल करें जिसे आप ज़ोर से पढ़कर साथ‑साथ एडिट कर सकते हैं:

कैश-ओनली वीकेंड बेस रूल्स (कॉपी और एडाप्ट करें)

  1. यह वीकेंड शुक्रवार ऑफिस के बाद से रविवार रात तक चलता है।
  2. हम ज़रूरी चीज़ों का भुगतान वैसे ही करते हैं जैसे आमतौर पर करते हैं (किराया, पहले से जारी यूटिलिटी, पहले से बुक किए टिकट, दवाइयाँ, ज़रूरी ट्रांसपोर्ट)।
  3. गैर‑ज़रूरी वीकेंड खर्च (कॉफी, स्नैक्स, बाहर खाना, एंटरटेनमेंट, अचानक की ऑनलाइन खरीद) के लिए हम सिर्फ अपना तय कैश इस्तेमाल करते हैं।
  4. कार्ड, क्रेडिट और मोबाइल वॉलेट चुनौती के दौरान गैर‑ज़रूरी खर्च के लिए इस्तेमाल नहीं होते।
  5. अगर कोई असली इमरजेंसी आती है, तो हम नियम तोड़ते हैं और उसे संभालते हैं — यह फेल होना नहीं है।

कपल्स और हाउसमेट्स के लिए फ़ेयरनेस ऑप्शंस

अलग‑अलग आय और आदतों के साथ “एक ही कैश लिमिट” कई बार अनुचित लग सकती है। यहाँ कुछ ऑप्शन हैं जो नो‑स्पेंड चैलेंज एक्सपर्ट्स की फ्लेक्सिबिलिटी और कस्टमाइज़ेशन वाली सलाह पर आधारित हैं:

  • बराबर एनवेलप, अलग‑अलग रोल

    • दोनों पार्टनर्स को ट्रीट्स के लिए बराबर पर्सनल वीकेंड कैश मिलता है।
    • जॉइंट अनुभव (डेट नाइट, साझा गतिविधियाँ) के लिए एक अलग जॉइंट कैश एनवेलप से खर्च होता है।
  • इनकम‑आधारित बँटवारा (जैसे 60/40)

    • एक कुल वीकेंड “फ़न” पॉट तय करें।
    • उसे पर्सनल एनवेलप के लिए नेट इनकम के अनुपात में बाँटें (जैसे एक पार्टनर 60%, दूसरा 40% इस्तेमाल करे)।
    • “हम साथ हैं” वाली भावना के लिए जॉइंट एनवेलप बराबर रखें।
  • रोल‑आधारित बदलाव

    • अगर एक पार्टनर आमतौर पर ज़्यादा होस्ट करता है या ज़्यादा आयोजन करता है (खाना, बच्चों की गतिविधियाँ, सोशल लाइफ़), तो उस पार्टनर को जॉइंट एनवेलप में थोड़ा ज़्यादा हिस्सा दें, पर्सनल एनवेलप में नहीं, ताकि यह साझा खर्च से जुड़ा रहे, “छुपे” पर्सनल खर्च से नहीं।

कन्वर्सेशन प्रॉम्प्ट्स (1–2 चुनें):

  • “कौन‑सी वीकेंड आदतें हर पैसे के लायक लगती हैं, और कौन‑सी नहीं?”
  • “अगर इस वीकेंड से हम थोड़ा बचा पाते हैं, तो वो पैसा कहाँ जाना चाहिए?”
  • “अगर हम में से एक ज़्यादा कमाता है लेकिन दोनों एक जैसी ट्रीट्स एंजॉय करते हैं, तो क्या फ़ेयर लगेगा?”

स्टेप 2: शुक्रवार से पहले तैयारी करें ताकि वीकेंड अच्छा लगे

सबसे सफल नो‑स्पेंड और कैश‑ओनली वीकेंड, शुरू होने से पहले ही शुरू हो जाते हैं। कई गाइड्स सलाह देते हैं कि पहले से मील प्रेप कर लें, फ्यूल तैयार रखें, साफ नियम सेट करें, और फ्री गतिविधियाँ लाइनअप कर लें ताकि आप बोरियत से लड़ते न रहें।

गुरुवार रात यह चेकलिस्ट इस्तेमाल करें:

प्री-वीकेंड प्रेप चेकलिस्ट

  • ज़रूरी चीज़ें तैयार: ग्रॉसरी, दवाइयाँ, और वीकेंड के लिए पर्याप्त फ्यूल या ट्रांज़िट क्रेडिट।
  • कैश निकाला हुआ: हमारा तय वीकेंड कैश, पहले से एनवेलप में बाँटा या क्लिप्स पर लेबल लगा हुआ।
  • फ्री फ़न लिस्ट तैयार: 3–5 फ्री या पहले से पे की हुई गतिविधियाँ जो हमें सच में पसंद हों (वॉक, पार्क विज़िट, गेम नाइट, कोई मूवी जो पहले से है, डिक्लटरिंग प्रोजेक्ट्स, DIY होम सुधार)।
  • टेम्पटेशन म्यूट: शॉपिंग ऐप्स पॉज़ करें, कुछ मार्केटिंग ईमेल से अनसब्सक्राइब करें, और उन नोटिफिकेशन को म्यूट करें जो आमतौर पर खर्च ट्रिगर करते हैं।
  • घर के लोग ऑन‑बोर्ड: रूममेट्स, बच्चे या दोस्त जानते हों कि हम कैश‑ओनली वीकेंड कर रहे हैं और इसका मतलब क्या है।

बचत संबंधी रिसोर्सेज का यह “आपके बटुए के लिए स्टेकशन” वाला फ्रेमिंग अहम है: लक्ष्य खुद को वंचित करना नहीं है, बल्कि जो आपके पास पहले से है उसे जानबूझकर एंजॉय करना है, बिना और जोड़े।


स्टेप 3: अपनी कैश लिमिट और एनवेलप तय करें

कैश‑ओनली वीकेंड खास तौर पर उस एनवेलप (कैश स्टफिंग) मेथड के साथ अच्छी तरह काम करता है जो फिर से खासकर Gen Z के बीच लोकप्रिय हुआ है। आइडिया सरल है: आप अलग‑अलग लेबल वाली कैटेगरी के लिए फिज़िकल कैश अलॉट करते हैं और सिर्फ उतना ही खर्च करते हैं।

एक्सपर्ट्स ज़ोर देते हैं कि किसी एनवेलप से कैश को जाते हुए देखना और छूना खर्च को ज़्यादा सजग बनाता है — और यही आप एक रीसेट वीकेंड पर चाहते हैं।

यहाँ एक सरल एनवेलप लेआउट है:

वीकेंड एनवेलप लेआउट (कॉपी और एडाप्ट करें)

  • एनवेलप 1 – जॉइंट फ़न: साथ में कॉफी, एक ट्रीट आउटिंग, छोटी साझा एक्सपीरियंस।
  • एनवेलप 2 – ग्रॉसरी टॉप-अप्स: फल, सब्जियाँ, ताज़ा ब्रेड अगर ज़रूरत हो।
  • एनवेलप 3 – माया के पर्सनल ट्रीट्स: स्नैक्स, छोटी खरीद, अकेले की गतिविधियाँ।
  • एनवेलप 4 – टॉम के पर्सनल ट्रीट्स: वही कॉन्सेप्ट।
  • एनवेलप 5 – बफ़र: थोड़ी सी रकम उन चीज़ों के लिए जो “अनपेक्षित हैं लेकिन असली इमरजेंसी नहीं।”

ज़्यादातर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि कैश एनवेलप फ्लेक्सिबल खर्चों के लिए इस्तेमाल करें, फिक्स्ड बिल्स के लिए नहीं। फिक्स्ड बिल्स ऑटोपे पर रह सकते हैं; वीकेंड का फोकस उन फ्लेक्सिबल चीज़ों पर है जो अक्सर फिसल जाती हैं।

अपनी लिमिट साथ तय करने के लिए प्रॉम्प्ट:

  • “पहले वीकेंड के लिए, हम थोड़ा स्ट्रेच महसूस करना चाहते हैं या बहुत कम्फर्टेबल?”
  • “इतनी कम से कम कितनी कैश रकम होगी जिससे वीकेंड अब भी मजेदार लगे, सज़ा जैसा नहीं?”

अगर आप आराम से किसी नंबर पर नहीं पहुँच पा रहे, तो थोड़ा नरम पहला वीकेंड रखें और उसे एक एक्सपेरिमेंट मानें। अगर बाद में ज़्यादा कैश बचा रह जाए, तो आप अगली बार लिमिट एडजस्ट कर सकते हैं।


स्टेप 4: अपना कैश-ओनली वीकेंड चलाएँ (एक-दूसरे की पुलिसिंग किए बिना)

शुक्रवार से रविवार तक लक्ष्य होना चाहिए साफ नियम, कम ड्रामा। हम कोशिश करते हैं खुद को इस एक्सपेरिमेंट के सह‑डिज़ाइनर की तरह देखें, न कि एक‑दूसरे के सुपरवाइज़र के रूप में।

नो‑स्पेंड और कैश‑ओनली गाइडेंस में बार‑बार दिखने वाले प्रैक्टिकल टिप्स:

  • कार्ड्स को पहुँच से दूर रखें

    • क्रेडिट और डेबिट कार्ड घर पर छोड़ दें, या बैग के किसी ज़िप वाले हिस्से में रखें जिसे आप तय कर लें कि गैर‑ज़रूरी खर्च के लिए नहीं खोलेंगे।
    • अगर आसानी से हो सके, तो वीकेंड के लिए मोबाइल वॉलेट पेमेंट बंद कर दें।
  • सरल “अलाउड बनाम नॉट अलाउड” नियम इस्तेमाल करें
    बहुत से नो‑स्पेंड चैलेंज गाइड्स सलाह देते हैं कि हर खरीद पर वहीं खड़े‑खड़े फैसला करने के बजाय कैटेगरी पहले ही तय कर लें। कैश‑ओनली वीकेंड के लिए आप कुछ ऐसा कह सकते हैं:

    अलाउड (ज़रूरी):

    • पहले से पे किया हुआ किराया और यूटिलिटी
    • प्लान किए हुए मील्स के लिए ग्रॉसरी
    • दवाइयाँ और स्वास्थ्य से जुड़े खर्च
    • काम या पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के लिए ज़रूरी ट्रांसपोर्ट

    अलाउड (एनवेलप से):

    • एक कॉफी या स्नैक बाहर (अगर आप चाहें)
    • एक लो‑की एक्टिविटी जैसे म्यूज़ियम अगर पहले से डिस्काउंटेड या प्री‑बुक हो

    नॉट अलाउड (इस वीकेंड के लिए):

    • एक्स्ट्रा ऑनलाइन शॉपिंग
    • एक्स्ट्रा कपड़े, सजावट, गैजेट्स
    • अचानक का टेकआउट और डिलीवरी
    • पेड एंटरटेनमेंट, जब फ्री विकल्प उपलब्ध हो
  • “परफेक्ट” से ज़्यादा “काफ़ी अच्छा” पर फोकस करें
    कई एक्सपर्ट्स ज़ोर देते हैं कि सफलता सब‑या‑कुछ नहीं होती। अगर कोई अनपेक्षित घटना या इमरजेंसी प्लान के किसी हिस्से को बिगाड़ दे, तब भी आप बाकी वीकेंड को एक विन की तरह गिन सकते हैं।

  • सोशल प्रेशर को एक स्क्रिप्ट से हैंडल करें
    फैमिली‑फोकस्ड नो‑स्पेंड गाइड्स सुझाव देते हैं कि आपके पास पहले से एक लाइन तैयार हो। जैसे:
    “हम एक छोटा कैश‑ओनली वीकेंड रीसेट कर रहे हैं, तो हम बस उतनी ही चीज़ें कर रहे हैं जो हमारे कैश एनवेलप में फिट बैठती हैं। पार्क वॉक या गेम नाइट जैसा कुछ करें?”


स्टेप 5: जो खर्च किया और जो टाला, दोनों ट्रैक करें

नो‑स्पेंड वीकेंड और चैलेंज गाइड्स में सबसे मज़बूत पैटर्न यह है कि दोनों चीज़ें ट्रैक करें:

  1. आपने वाकई में क्या खर्च किया, और
  2. आप आम तौर पर क्या खर्च कर देते लेकिन इस बार नहीं किया।

दूसरा नंबर आपका “अदृश्य विन” है — और अगर आप उसे लिखते नहीं, तो बहुत आसानी से नज़र से चूक जाता है।

इसे बेहद सिंपल रख सकते हैं:

वीकेंड ट्रैकिंग टेम्पलेट (कॉपी और पेस्ट करें)

  • असल वीकेंड कैश खर्च:
    • जॉइंट फ़न:
    • ग्रॉसरी टॉप‑अप्स:
    • माया के पर्सनल ट्रीट्स:
    • टॉम के पर्सनल ट्रीट्स:
    • इस्तेमाल किया बफ़र (किस लिए?):
  • वुड‑हैव‑स्पेंट लिस्ट (अनुमान):
    • छोड़ा हुआ टेकआउट:
    • टाले या रद्द किए ऑनलाइन ऑर्डर:
    • अतिरिक्त कॉफी, ड्रिंक्स या टिकट जो नहीं खरीदे:
  • कुल “टाले गए खर्च” का अनुमान:

कुछ सोर्सेज एनवेलप के साथ बजटिंग या एक्सपेंस‑ट्रैकिंग ऐप इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। Monee जैसी एक सिंपल ट्रैकर ऐप आपको वीकेंड के असली खर्च को जल्दी लॉग करने और बाद में उसे एक सामान्य वीकेंड से तुलना करने में मदद कर सकती है — बिना बैंक एक्सेस की ज़रूरत के या जितना आप चाहें उससे ज़्यादा डेटा शेयर किए बिना।

कुंजी है साफ‑साफ तस्वीर: आप काले‑सफेद में देख सकें कि जब आप ने कैश‑फ़र्स्ट अपनाया, तो क्या बदला।


स्टेप 6: मिलकर तय करें कि बचत कहाँ जाएगी

वीकेंड के तुरंत बाद — जब एहसास ताज़ा हो — यह तय करें कि जो खर्च टाला, वह किस लिए है। लगभग हर एक्सपर्ट सोर्स इस पर ज़ोर देता है: बचाए गए पैसे को किसी लक्ष्य की ओर शिफ्ट करें, ताकि यह “बस खर्च नहीं किया” वाला एहसास न रहे, बल्कि “हमने चॉइस ली” जैसा लगे।

अच्छे टार्गेट्स हो सकते हैं:

  • कर्ज़ (क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, “अभी खरीदो‑बाद में चुकाओ” बैलेंस)।
  • इमरजेंसी फंड, ताकि भविष्य के सरप्राइज़ कार्ड पर न जाएँ।
  • सिंकिंग फंड्स — ट्रैवल, शौक़, या आने वाली बड़ी खरीद के लिए।

आप यह नियम अपना सकते हैं:

सेविंग्स री-डायरेक्ट रूल (कॉपी और एडाप्ट करें)
“रविवार रात तक, हम जो खर्च टाल पाए, उसे जोड़ते हैं और उस रकम के कम से कम 80–100% को किसी खास लक्ष्य पर भेजते हैं (कर्ज़, इमरजेंसी फंड, या कोई सिंकिंग फंड जिसे हम साथ चुनते हैं)।”

फिर से, इसे परफेक्ट होने की ज़रूरत नहीं। सिर्फ ज़्यादातर हिस्सा भी रीडायरेक्ट करना दो‑तीन दिन की इरादतन चॉइस से निकला काफ़ी मज़बूत नतीजा है।


स्टेप 7: एक बार रिफ्लेक्ट करें — फिर ज़िंदगी बदलने पर दुबारा इस्तेमाल करें

नो‑स्पेंड या कैश‑ओनली वीकेंड के बाद गाइड्स एक छोटी सी रिफ्लेक्शन की सलाह देते हैं: क्या आसान लगा, क्या मुश्किल लगा, और क्या आप आगे रखना चाहते हैं।

आपको कोई “वीकली रेट्रोस्पेक्टिव” नहीं चाहिए। बस वीकेंड के बाद एक बातचीत करें, और जब भी आपकी ज़िंदगी या खर्च करने के पैटर्न बदलें — किसी छुट्टी, शिफ्ट, नई नौकरी, या कुछ महंगे हफ़्तों के बाद — फिर इस आइडिया पर लौट आएँ।

ये प्रॉम्प्ट इस्तेमाल करें:

  • “वीकेंड के कौन‑से हिस्से उम्मीद से ज़्यादा आसान लगे?”
  • “कहाँ कैश एनवेलप हमारी उम्मीद से ज़्यादा जल्दी खाली हो गए?”
  • “एक ऐसी आदत कौन‑सी है जिसे हम रखना चाहेंगे — यहाँ तक कि उन हफ़्तों में भी जब हम कार्ड्स इस्तेमाल कर रहे हों?”
  • “किस तरह के हफ़्तों या इवेंट्स के बाद यह एक्सपेरिमेंट दुबारा चलाना समझदारी लगेगा?”

कई सोर्सेज सुझाव देते हैं कि नो‑स्पेंड या कैश‑फोकस्ड वीकेंड को हाई‑स्पेंड पीरियड्स के बाद या जब आप “बजट ड्रिफ्ट” नोटिस करें, तब दोहराएँ। आप इन्हें एक निश्चित शेड्यूल की बजाय समय‑समय पर होने वाले रीसेट की तरह ट्रीट कर सकते हैं: जब भी आपके कार्ड स्टेटमेंट देखकर भौंहें उठें, अगला वीकेंड प्लान करें।

अगर आपको यह स्ट्रक्चर पसंद आया, तो आप धीरे‑धीरे इन पर एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं:

  • ज़्यादा फोकस्ड वीकेंड्स (जैसे सख्त नो टेकआउट, लेकिन फ्री सोशलाइज़िंग ठीक है)।
  • लंबे चैलेंजेज़ (एक हफ़्ता या महीना जिसमें ज़रूरी खर्च अलाउड हो लेकिन एक्स्ट्रा पर कैप हो — महीने भर के नो‑स्पेंड चैलेंज से प्रेरित)।
  • हाइब्रिड सिस्टम्स, जहाँ आप सुरक्षा और सुविधा के लिए कार्ड्स का इस्तेमाल रखते हैं, लेकिन उन कैटेगरी के लिए एनवेलप रखते हैं जो अक्सर बजट से बाहर भाग जाती हैं।

एक नरम, टीम-आधारित रीसेट

कैश‑ओनली वीकेंड का मतलब अपने पुराने खर्च को शर्मिंदा करना या यह साबित करना नहीं है कि आप कितने “डिसिप्लिन्ड” हैं। यह खुद को एक छोटा, तेज़ ब्रेक देने का तरीका है — ताकि आप महसूस कर सकें कि जब हर खरीद दिखाई देने वाली और सीमित हो जाती है, तो कैसा फर्क पड़ता है।

रिसर्च और एक्सपर्ट गाइड्स हमें जो दिखाते हैं, उसमें से:

  • फिज़िकल कैश “पे करने का दर्द” इतना बढ़ा देता है कि इम्पल्स खरीद धीमी पड़ जाती है।
  • वीकेंड जैसे छोटे, समय‑सीमित एक्सपेरिमेंट शुरू करना और पूरा करना महीने भर की कमिटमेंट से आसान होता है, लेकिन आदतें समझने के लिए फिर भी काफी ताकतवर होते हैं।
  • सबसे बड़े फायदे तब आते हैं जब आप वीकेंड को साफ नियमों, कैश कैप, कुछ पहले से प्लान की हुई फ्री गतिविधियों, और न खर्च किए गए पैसे के लिए किसी खास लक्ष्य के साथ जोड़ते हैं।

सबसे अहम बात, यह वो चीज़ है जो आप साथ मिलकर कर सकते हैं। एक वीकेंड, कुछ एनवेलप, कुछ सरल नियम, और यह साझा फैसला कि आप चाहते हैं आपका पैसा आगे क्या करे।

अगर आप इसे आज़माएँ, तो टोन को नरम रखें: आप खर्च के पुलिस नहीं हैं। आप पार्टनर्स हैं जो एक छोटा, समझदार बदलाव टेस्ट कर रहे हैं, यह देखने के लिए कि क्या यह आपको उस ज़िंदगी के थोड़ा और क़रीब लाता है, जो आप सच में चाहते हैं।


स्रोत:

खोजें: Monee — बजट और खर्च ट्रैकर

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